अवैध पार्किंग ने छीनी लखनऊ के रूमी दरवाजे की खूबसूरती, DM के जिम्मे धरोहर फिर भी ठेकेदार की मनमानी
लखनऊ का ऐतिहासिक रूमी दरवाजा, जिसे ‘लखनऊ का गेटवे’ भी कहा जाता है, आजकल अवैध पार्किंग के कारण अपनी सुंदरता खो रहा है। यह धरोहर प्रशासन की जिम्मेदारी में है, लेकिन बिना अनुमति के एक ठेकेदार वहां पार्किंग संचालित कर रहा है। जब इस अवैध पार्किंग के बारे में पूछा गया, तो संचालक ने 50 हजार रुपए अधिकारियों को देने की बात कही।
रूमी दरवाजा: ऐतिहासिक धरोहर पर कब्जा
रूमी दरवाजा लखनऊ का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारक है, जिसे नवाब आसफ-उद-दौला ने 1784 में बनवाया था। यह मुगल और अवध वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है। लेकिन आज यह धरोहर अवैध पार्किंग, गंदगी और अतिक्रमण की चपेट में है।
क्या है मामला?
- लखनऊ डीएम के अधीन होने के बावजूद, यहां बिना अनुमति पार्किंग चलाई जा रही है।
- स्थानीय लोग और पर्यटक पार्किंग माफिया की मनमानी से परेशान हैं।
- जब इस पर सवाल उठाया गया, तो संचालक ने खुलेआम कहा कि वह हर महीने 50,000 रुपये प्रशासन को देता है।
अवैध पार्किंग से हो रही दिक्कतें
- पर्यटकों की परेशानी – ऐतिहासिक स्थल पर आने वाले लोग पार्किंग और ट्रैफिक की समस्या से जूझ रहे हैं।
- स्मारक की सुंदरता पर असर – वाहनों की भीड़ और गंदगी से रूमी दरवाजे का सौंदर्य बिगड़ रहा है।
- प्रशासन की नाकामी – लखनऊ प्रशासन इस मुद्दे को हल करने में नाकाम साबित हो रहा है।
प्रशासन क्या कर रहा है?
इस मामले के उजागर होने के बाद, नगर निगम और जिला प्रशासन पर सवाल खड़े हो गए हैं।
- अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
- पर्यटन विभाग भी इस मामले में सक्रिय नजर नहीं आ रहा।
स्थानीय लोगों की मांग
- अवैध पार्किंग तुरंत हटाई जाए।
- प्रशासन ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
- दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
निष्कर्ष
रूमी दरवाजा लखनऊ की संस्कृति और इतिहास की पहचान है। इसे बचाने की जिम्मेदारी प्रशासन की है, लेकिन अवैध पार्किंग और भ्रष्टाचार ने इसकी खूबसूरती पर ग्रहण लगा दिया है। प्रशासन को फौरन इस पर एक्शन लेना चाहिए, ताकि यह धरोहर आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित रह सके।