मानव सुसाइड केस में हाईकोर्ट पहुंचे आरोपी: कोर्ट ने पुलिस से मांगी रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में चर्चित मानव सुसाइड केस में नया मोड़ आ गया है। इस मामले के आरोपी हाईकोर्ट पहुंचे और अपने खिलाफ लगे आरोपों को खारिज करने की मांग की। आरोपियों ने कोर्ट में दावा किया कि मानव की आत्महत्या के लिए वे जिम्मेदार नहीं हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले में पुलिस को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
मानव सुसाइड केस में आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने मानसिक प्रताड़ना देकर मानव को आत्महत्या के लिए मजबूर किया। मानव के परिजनों का आरोप है कि आरोपियों के लगातार दबाव और धमकियों के चलते उसने यह कदम उठाया।
हालांकि, आरोपियों का दावा है कि उनका इस घटना से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने अदालत में कहा कि मानव की आत्महत्या के पीछे व्यक्तिगत कारण थे और उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया है।
आरोपियों की दलील
आरोपियों ने कोर्ट में अपनी दलील देते हुए कहा कि:
✅ वे मानव को अच्छी तरह जानते थे, लेकिन उनकी ओर से कोई मानसिक दबाव नहीं बनाया गया।
✅ मानव के जीवन में अन्य व्यक्तिगत परेशानियां थीं, जिसके चलते उसने यह कदम उठाया।
✅ पुलिस द्वारा बिना ठोस सबूत के उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
हाईकोर्ट का रुख
हाईकोर्ट ने आरोपियों की दलील सुनने के बाद पुलिस को निर्देश दिया है कि वे जल्द से जल्द इस मामले की पूरी रिपोर्ट अदालत में पेश करें। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जांच में किसी भी पक्ष के साथ अन्याय न हो और पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष तरीके से की जाए।
मानव के परिवार का बयान
मानव के परिजनों ने आरोपियों के बयानों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि मानव को लंबे समय से मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा था। उन्होंने न्याय की मांग करते हुए दोषियों को सख्त सजा देने की अपील की।
निष्कर्ष
मानव सुसाइड केस का मामला फिलहाल कोर्ट के अधीन है, और पुलिस रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। इस संवेदनशील मामले में न्याय सुनिश्चित करने के लिए सभी की निगाहें अब हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी हुई हैं।