सुनीता अंतरिक्ष से लौटीं, लेकिन कल्पना नहीं लौट पाईं: धरती से सिर्फ 16 मिनट की दूरी पर थीं, तभी स्पेसक्राफ्ट में हुआ धमाका
अंतरिक्ष की दुनिया में कई ऐसे पल हैं जो इतिहास में दर्ज हो गए। एक तरफ भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स सुरक्षित धरती पर लौट आईं, वहीं दूसरी ओर भारत की बेटी कल्पना चावला का सपना अधूरा रह गया। कल्पना धरती से महज 16 मिनट की दूरी पर थीं, लेकिन उनकी वापसी से पहले ही एक भयावह हादसे ने उन्हें दुनिया से छीन लिया।
सुनीता विलियम्स की सफलता
सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में कुल 9 महीने 14 दिन का समय बिताया। उनकी सफल वापसी ने एक बार फिर भारत का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। उनकी इस ऐतिहासिक यात्रा में कई महत्वपूर्ण प्रयोगों और रिसर्च को अंजाम दिया गया, जो विज्ञान के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होंगे।
कल्पना चावला का अधूरा सपना
दूसरी ओर, कल्पना चावला का नाम आज भी हर भारतीय के दिल में बसा है। उन्होंने 1 फरवरी 2003 को अपने साथियों के साथ कोलंबिया स्पेसक्राफ्ट से पृथ्वी पर लौटने की कोशिश की थी। धरती से महज 16 मिनट की दूरी पर उनका यान हादसे का शिकार हो गया। कोलंबिया यान के विंग्स में आई तकनीकी खराबी के कारण यह हादसा हुआ, जिससे कल्पना समेत सात अंतरिक्ष यात्रियों की जान चली गई।
कल्पना और सुनीता के योगदान
- कल्पना चावला ने अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा 1997 में पूरी की थी, जिसमें उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में सबसे लंबे समय तक रहने वाली महिला अंतरिक्ष यात्री के रूप में रिकॉर्ड बनाया है।
भारतीय मूल का गर्व
कल्पना और सुनीता दोनों ही भारत के लिए गर्व का प्रतीक हैं। जहां कल्पना का सपना अधूरा रह गया, वहीं सुनीता ने अंतरिक्ष में भारतीय मूल का परचम लहराया।
निष्कर्ष
कल्पना चावला की दुखद घटना ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया था, लेकिन उनकी प्रेरणादायक यात्रा आज भी लाखों युवाओं को विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने का हौसला देती है। वहीं, सुनीता विलियम्स की सफलता नए वैज्ञानिक शोधों के लिए प्रेरणा बनी हुई है।