उत्तर प्रदेश में सड़क पर नमाज पर बैन, AIMIM ने योगी सरकार पर साधा निशाना
उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क, चौराहों और सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार का कहना है कि सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक आयोजन से यातायात बाधित होता है, इसलिए यह फैसला लिया गया है। हालाँकि, इस फैसले को लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और अन्य मुस्लिम संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है।
सरकार का पक्ष – कानून व्यवस्था बनी रहे
उत्तर प्रदेश प्रशासन के अनुसार, सार्वजनिक स्थलों पर किसी भी धार्मिक गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाएगी, चाहे वह किसी भी धर्म से संबंधित हो। अधिकारियों का कहना है कि यह फैसला शहरों में सुगम यातायात और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लिया गया है।
AIMIM और मुस्लिम संगठनों का विरोध
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस फैसले को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “यह फैसला मुसलमानों के खिलाफ है और धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है।" ओवैसी ने आरोप लगाया कि सरकार एक विशेष समुदाय को निशाना बना रही है, जबकि अन्य धार्मिक आयोजनों को छूट दी जा रही है।
बीजेपी का पलटवार – सभी के लिए समान नियम
भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा कि यह नियम सिर्फ नमाज तक सीमित नहीं है, बल्कि सार्वजनिक स्थानों पर सभी धर्मों के आयोजनों पर भी लागू होगा। सरकार ने स्पष्ट किया कि सभी धार्मिक स्थलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने परिसर में ही प्रार्थना और अन्य अनुष्ठान करें।
क्या है आगे की रणनीति?
इस फैसले के बाद राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। जहां एक ओर हिंदू संगठनों ने सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है, वहीं मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों ने इसे संविधान के खिलाफ बताया है। देखना होगा कि आने वाले दिनों में इस फैसले का क्या असर होगा।