रिपोर्ट- उपेंद्र कुमार पांडे आजमगढ़
आजमगढ़ जिले के विटठ्लघाट पर स्थित गुरूद्वारे में सिखों के अंतिम गुरु गुरू गोविंद सिंह की 356वीं प्रकाशवोत्सव धूम-धाम से मनाया गया। सुबह से ही सिख समुदाय के साथ ही सभी धर्माे के लोगों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था। गुरुद्वारे में गुरुजी के स्थान को आकर्षक ढ़ंग से सजाया गया था। निर्धारित समय पर सबद कीर्तन शुरू हो गया। जिसमें काफी संख्या में सिख समुदाय के साथ ही अन्य धर्मों के लोगों ने भाग लिया। सबद कीर्तन के बाद कड़ाह प्रसाद का वितरण किया गया। इसके बाद अटूट लंगर का आयोजन हुआ जो देर शाम तक चलता रहा। सुंदर आरोड़ा ने बताया कि गुरु गोविंद का जन्म बिहार के पटना में हुआ था। उनके पिता गुरु तेग बहादुर और मां गुजरी कौर थीं। गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की। उनके जन्मदिन को प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाया जाता है। इस मौके पर सतनाम सिंह, सुरेन्द्र सिंह, संगम आरोड़ा, राजेश आरोड़ा, भाजपा नेता रित्विक जायसवाल सहित अन्य लोगो ने लंगर में पहुंचकर अपनी सेवाएं दी।
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