कैलाश सिंह विकास वाराणसी
वाराणसी । शनि अमावस्या के दिन शनिवार को भोजूबीर पंचक्रोशी रोड स्थित मां दक्षिणेश्वरी काली मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया है। महंत गोपाल गिरि ने बताया कि यह विशेष संयोग बना है। शनिवार के दिन शनि अमावस्या है। इस दिन विधि-विधान से पूजा-अर्चन व दान करना बड़े पुण्य की बात है। इसका अच्छा फल मिलता है। प्राचीन मां दक्षिणेश्वरी काली मंदिर में विशाल पीपल का वृक्ष भी है। हिंदू धर्म में पीपल के वृक्ष को बहुत ही पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि इस वृक्ष में सभी देवताओं के साथ शनिदेव का वास होता है। ऐसे में कुंडली में शनिदेव को मजबूत करने के लिए शनि अमावस्या पर पीपल के वृक्ष की पूजा की जाती है। रात के समय सरसों के तेल का दीपक जलाया जाता है। शनिवार अमावस्या तिथि पर पीपल के वृक्ष की पूजा और सरसों के तेल का दीपक जलाने पर जीवन में धन, सुख-समृद्धि और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि शनिदेव उन व्यक्तियों पर जल्द प्रसन्न होते हैं जो हमेशा गरीबों और जरूरतमंदो की मदद करते हैं। ऐसे में इस शनैश्चरी अमावस्या तिथि पर शनि देव को प्रसन्न करने के लिए गरीबों और असहायों की किसी न किसी प्रकार से मदद करें। शनि अमावस्या पर काले तिल, काली उड़द की दाल और गुड़ का दान करना शुभ फलदायी रहेगा।
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