राकेश सिंह गोण्डा
गोण्डा। श्रीनगर में देश की रक्षा करते समय आतंकियों की गोली का शिकार हुए जिले के वीर सपूत अजय प्रताप सिंह रविवार सुबह 11 बजे पंचतत्व में विलीन हो गए। करनैलगंज स्थित उनके पैतृक गांव छिटवापुर में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। बड़े भाई अखिलेश प्रताप सिंह ने अजय की चिता को मुखाग्नि दी। शहीद के अंतिम संस्कार में लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। हजारों की भीड़ ने अपने नायक को वंदे मातरम व भारत माता की जय के जयघोष के संग अंतिम विदाई दी। इस दौरान करनैलगंज के एसडीएम हीरालाल, सीओ नवीना शुक्ला, श्रीनगर से आए सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर व जवान मौजूद रहे।
रविवार की सुबह शहीद अजय प्रताप सिंह का पार्थिव शरीर लेकर उनके बड़े भाई अखिलेश प्रताप सिंह व अखिलेंद्र प्रताप सिंह उर्फ अमित श्रीनगर सीआरपीएफ के जवानों संग बख्तरबंद वाहन से गांव पहुंचे तो अमर शहीद के दर्शन को जन सैलाब उमड़ पड़ा। हजारों की संख्या में करनैलगंज क्षेत्र के आसपास के लोग शहीद अजय प्रताप सिंह के घर पहुंचे और उनके अदम्य साहस की सराहना करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। अजय प्रताप की शहादत की खबर सुनकर पूरे क्षेत्र में कोहराम मच गया। शहीद के परिजनों के करुण क्रंदन से गांव दहल उठा। पत्नी प्रीति तिरंगे में लिपटे अपने शहीद पति के पार्थिव शरीर को देखकर चीत्कार उठी। दोनों बहनें नीलम व अनुपम भी भाई के शव को देखकर बेसुध हो गयीं। शहीद की बुजुर्ग मां धर्म दुलारी की आंखों से बह रहे आंसुओं में बेटे को खोने की पीड़ा साफ झलक रही थी। बुजुर्ग मां बेटे को अंतिम विदाई देते समय उनके पार्थिव शरीर से लिपट गयी। इस दौरान शहीद अजय की दोनों मासूम बेटियां अदिति व तीन माह की आकृति अपनी मां को रोते-बिलखते देखकर एकटक उन्हें निहार रही रही थीं। बताते चलें कि करनैलगंज के छिटवापुर गांव के रहने वाले अजय प्रताप सिंह जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में सीआरपीएफ में तैनात थे। शनिवार की भोर में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में उन्हें गोली लग गयी थी। इलाज के लिए सेना के अस्पताल से जाया गया था, जहां अत्याधिक रक्तस्राव के चलते वह शहीद हो गए थे। शहीद अजय प्रताप सिंह तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। अन्य दोनों भाई भी सेना में हैं। बड़े भाई अखिलेश प्रताप सिंह जम्मू के बालटाल में तैनात हैं, जबकि अजय से छोटे अखिलेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ अमित की जम्मू कश्मीर के पहलगाम में तैनाती है। अजय प्रताप सिंह वर्ष 2010-11 में छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। उनके पिता धर्मपाल सिंह का पहले ही निधन हो चुका है, जबकि उनके बाबा स्वर्गीय भगेलू सिंह करनैलगंज विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं।
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