रूद्रपुर (देवरिया) । शनिवार को पं० श्रीकृष्ण उपाध्याय इण्टर, कालेज बैरियाघाट में भोजपुरी पुनर्जागरण मंच के तत्वाधान में मातृ भाषा का मानव जीवन में महत्व विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता कैप्टन वीरेन्द्र सिंह ने किया। कु0 मुस्कान, नैना, अमृत, माधुरी व प्रीति ने सरस्वती वंदना व स्वागत गीत प्रस्तुत किए । मुख्य अतिथि के रूप में भोजपुरी पुनर्जागरण मंच के संयोजक संयोजक नरसिंह उपस्थित थे ।
मुख्य अतिथि नरसिंह ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भाषा ईश्वर का अवदान है, जो सभी जीवों का अपना भाव प्रकट करने के लिये मिला है। यह जीव का प्राण-शक्ति है। दुनिया के सभी भाषाओं का मूल भाव एक है । मातृभाषा हमारी पहचान और संस्कृति है। इसको कभी भूलना नहीं चाहिए ।
आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि जन्म के बाद बच्चा मां की गोद में जो प्रथम भाषा सीखता है सहजता से बात करते हैं उसे मातृभाषा कहते हैं। मातृभाषा अभिव्यक्ति का माध्यम ही नहीं है, संस्कृति और संस्कार की संवाहिका भी है। मातृभाषा से ही संस्कृति और सभ्यता पल्लवित, पुष्पित और सुवासित होते हैं। मातृभाषा में ही व्यक्ति अपने ज्ञान को संस्कार के रूप में आत्मसात करता है। मातृभाषा के बिना किसी भी तरह की उन्नति संभव नहीं है। मातृभाषा मानव चेतना के साथ मानवता के विकास का इतिहास बनाती हैं। भोजपुरी भाषा भोजपुरी क्षेत्र की भाषा है। भोजपुरी पूर्ण रूप से ताकतवर भाषा है। बोली कहना सम्पूर्ण भोजपुरी भाषा भाषी भाई बहिनी का अपमान है। आप लोग दुनिया की सब भाषा पढ़ी लिखी,सब भाषा को सम्मान दीजिए लेकिन अपनी मातृभाषा भोजपुरी को मत छेड़िए। मातृभाषा भोजपुरी को हृदय में रखिये।
प्रबन्धक मोहन उपाध्याय ने कहा कि भोजपुरी भाषा को संवैधानिक दर्जा मिलना चाहिए ।
कैप्टन वीरेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि मातृभाषा को जाने बिना किसी भाषा को सीखना संभव नहीं है। भोजपुरी भाषा भाषियों ने विश्व में अपना परचम लहराया है।
रमेश तिवारी ने अपने गीतों के माध्यम से मातृभाषा के प्रति सम्मान करने की नसीहत दी।
संगोष्ठी का संचालन विद्यालय के शिक्षक प्रदुम्न तिवारी ने किया। प्रधानाचार्य द्वारा आभार प्रकट किया गया। इस अवसर पर प्रद्युम्न तिवारी, शिवानंद, शिवम, नवीन, व्यास, नितेश, सीताराम, आरती, रीना सहित विद्यालय के सभी छात्र/छात्राएं मौजूद रहे ।
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