कैलाश सिंह विकास वाराणसी
वाराणसी। शनिवार को काशी के केदार क्षेत्र के शंकराचार्य घाट पर कोरोना काल में काल-कवलित हुए असंख्य जीवात्माओं की सद्गति के लिए आचार्य पं. अवधराम पाण्डेय के आचार्यत्व में त्रिपिण्डी श्राद्ध व तर्पण का आयोजन सम्पन्न हुआ।
ज्ञातव्य हो कि सोशल मीडिया व समाचार पत्रों में पढकर हरियाणा के सुरेश मानचन्दा काशी आए और परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर शङ्कराचार्य जी महाराज से उन्होंने अनुरोध किया कि 1947 में भारत पाकिस्तान विभाजन के समय जो लगभग 20 लाख लोग मारे गये थे उनका भी अन्तिम संस्कार उस समय नहीं हो पाया था इसलिए उन सबकी सद्गति के लिए भी आज श्राद्ध तर्पण कर दिया जाए।
शंकराचार्य जी महाराज ने इस बात को सहर्ष स्वीकार किया और शंकराचार्य घाट पर ही श्राद्ध तर्पण सम्पन्न हुई। परमाराध्य शङ्कराचार्य जी महाराज ने अपने यू ट्यूब चैनल 1008. guru पर मृतात्माओं की सद्गति के लिए श्रीमद्भागवत मुक्ति कथा सुनाई। जगद्गुरु शङ्कराचार्य जी महाराज की पूर्णाभिषिक्त शिष्या साध्वी पूर्णाम्बा व साध्वी शारदाम्बा ने गंगारविन्द मिश्र, डा लता पाण्डेय व डा मंजरी पाण्डेय आदि अनेक सहयोगियों के साथ मिलकर महाराज जी की कथा को प्रतिदिन लिपिबद्ध किया और पुस्तक के रूप में शंकराचार्य जी को समर्पित किया। शंकराचार्य जी महाराज ने इस मुक्ति कथा ग्रन्थ का आज विमोचन किया। शंकराचार्य जी महाराज ने आश्चर्यचकित होते हुए कहा कि यह अपने आपमें एक विशिष्ट कीर्तिमान है कि कथा विश्राम के चन्द घण्टों के उपरान्त ही पुस्तक तैयार हो गयी और आठवें दिन पुस्तक का विमोचन भी हो गया। उन्होंने पुस्तक तैयार करने वाले सभी सहयोगियों को आशीर्वाद प्रदान किया।
परमाराध्य शंकराचार्य जी ने कहा कि शारदीय नवरात्रि पर श्रीविद्यामठ में शतचण्डी महायज्ञ और रूद्राभिषेक का आयोजन किया जाएगा। ४००० मोदकों से गणपति-पूजन, शतचण्डी- महायज्ञ, महारुद्र यज्ञ, ६४- योगिनियों के रूप में ६४ कन्याओं का पूजन, भैरव-पूजन, १०८ सुवासिनी पूजन, ११ रूद्र-दम्पत्ति पूजन कुम्भकोणम् से पधारे श्री प्रवीण के आचार्यत्व में सम्पन्न होगा। इसके उपरान्त सवा लाख मोदकों से हवन किया जायेगा। यह अनुष्ठान १५ दिनों का होगा जिसके अन्तर्गत यह सभी आयोजन श्रीविद्यामठ में सम्पन्न किये जायेंगे।
शङ्कराचार्य जी महाराज आज अपराह्न 2 बजे जबलपुर के बगलामुखी सिद्धपीठ के लिए प्रस्थान कर गये। वहा वे आगामी नौ दिनों तक पराम्बा भगवती की आराधना सम्पन्न करेंगे।
मुक्ति कथा का आयोजन श्री गौरव तिवारी,श्रीमती विभा शर्मा ने किया।
लोकार्पण और अन्य कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सर्वश्री साध्वी पूर्णाम्बा दीदी ,साध्वी शारदम्बा दीदी,मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय,डॉ गिरीश चन्द्र तिवारी, श्रीभगवान वेदांताचार्य,परमेश्वर दत्त शुक्ल,कमलाकांत त्रिपाठी, राजेन्द्र तिवारी,शैलेन्द्र सिंह योगी,यतीन्द्र चतुर्वेदी,रमेश उपाध्याय,पं सदानंद तिवारी, आनंद उपाध्याय,लता पाण्डेय,मञ्जरी पाण्डेय,माधुरी पाण्डेय,सुनीता श्रीवास्तव,किशन जायसवाल,पीयूष तिवारी,सत्य प्रकाश श्रीवास्तव,रविन्द्र मिश्रा आदि लोग शामिल थे।
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