उपेन्द्र कुमार पांडेय
आजमगढ़::भारतीय सनातन धर्म में भाद्रपद माह का भी बहुत महत्व है भाद्रपद माह आने वाली हर एक तिथि का विशेष महत्व होता है। इस दौरान व्रत रखने और देवी-देवताओं की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। *नारायण ज्योतिष परामर्श एवं अनुसंधान केंद्र फूलपुर प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य पं ऋषिकेश शुक्ल ने बताया* की वैदिक पंचांग के अनुसार, हर वर्ष भाद्रपद मास में आने वाली कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन बलराम जयंती का पर्व मनाया जाता है। इसी दिन द्वापर युग में शेषनाग जी भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई के रूप में अवतरित हुए थे। देश के कई राज्यों में बलराम जयंती को ललही छठ, हलधर और हल षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है।
*चलिए जानते हैं इस दिन कौन-कौन से शुभ योग का निर्माण हो रहा है और उससे किन-किन राशियों के लोगों को लाभ होगा*।
*बलराम जयंती पर बना महासंयोग*
पंचांग के अनुसार, इस बार बलराम जयंती का व्रत 25 अगस्त 2024 को रखा जाएगा । इस दिन शेषनाग बलराम जी की पूजा करने का शुभ मुहूर्त दोपहर 11:45 मिनट से लेकर दोपहर 13:10 मिनट तक है। बलराम जयंती के पावन दिन भगवान कृष्ण के बड़े भाई शेषनाग बलराम की पूजा की जाती है। मान्यता है कि जो व्यक्ति बलराम जयंती के दिन व्रत रखता है और बलराम जी की उपासना करता है, उन्हें कृष्ण जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इस दिन माताएं अपने बच्चे की लंबी आयु और खुशहाली के लिए व्रत रखती हैं। बलराम जयंती का दिन इस बार बहुत खास है, क्योंकि इस दिन कई वर्ष बाद त्रिपुष्कर योग और रवि योग का संयोग बन रहा है।
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