वाराणसी ।उ० प्र० उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के मंडलीय अध्यक्ष विजय कपूर एवं मंडलीय महासचिव मुकेश जायसवाल ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि सरकार ने व्यापारियों को दुर्घटना बीमा एवं पेंशन का उपहार देकर सराहनीय कार्य किया था। व्यापारियों को देश में प्रथम बार यह सुविधाएं दी गई थी। जिसकी सराहना भारतवर्ष के सात करोड़ व्यापारियों ने की थी। मंडलीयअध्यक्ष विजय कपूर एवं मंडलीय महासचिव मुकेश जायसवाल ने कहा कि जीएसटी वृद्धि का उत्तर प्रदेश ढाई करोड़ व्यापारी कड़ा विरोध करता है। 25 किलोग्राम वजन के सिंगल पैकिंग और लेबल वाले अनब्रांडेड वस्तुओं पर 18 जुलाई से 5% जीएसटी लागू किया है। जिससे दाल, चावल, आटा,दूध, दही, छाछ, सहित खाद्य वस्तुओं की कीमतों में 2 से ₹5 प्रति किलो की बढ़ोतरी हो गई है। 1,5,10, और 25 किलो के ब्रांडेड उत्पादनो पर जीएसटी लागू की गई है,जो उचित नहीं है। अगर पांच-पांच किलो के पैकेट मिलाकर वजन 25 किलो से ज्यादा है तो 5 फ़ीसदी की दर से जीएसटी देनी पड़ेगी। छूट तभी मिलेगी जब सिंगल पैकेट 25 किलो से ज्यादा होगा डेरी कंपनियां के पैक्ड फूड आइटम दूध, दही, छाछ आदि पर भी जीएसटी की दरें बढ़ाई गई है जो नितांत अनुचित है। ब्लेड, पेपर, कैची, पेंसिल, शार्पनर, चम्मच, कांटे वाली चम्मच आदि कई वस्तुओं पर भी जीएसटी बढ़ा दिया गया है। पहले जीएसटी 12% था अब इसे 18% कर दिया गया है। इससे बच्चों के पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। सोलर वाटर हीटर पर पहले जीएसटी 5% थी अब 12% कर दी गई है। होटल में ₹1000 तक कमरे अभी तक जीएसटी के दायरे से बाहर से अब उन पर 12% जीएसटी देना पड़ेगा इसका प्रभाव गरीब की जेब पर पड़ेगा क्योंकि 1000 रुपए से कम किराए के कमरे कम आय वाले लोग ही लेते हैं। एलईडी लाइट पर 18% जीएसटी लागू किया गया है। यह करके आपने घरों की रोशनी छीनने का काम किया है। व्यापारी नेताओं ने कहां की आजादी के बाद से लेकर आज तक 75 वर्षों में खाद्य पदार्थों पर पहली बार जीएसटी लागू की गई है। पैकिंग में बिकने वाले आटा, दूध, दही, चावल, सभी कुछ महंगा हो गया है। जीएसटी की बढ़ाई गई दरों में आम आदमी किसान हो या मजदूर, व्यापारी हो या वकील, छात्र हो या अध्यापक, महिला या पुरुष सभी पर इसका खराब असर पड़ेगाI इसका सीधा असर भारत के 90% जनता पर पड़ेगा। व्यापारी नेता ने सरकार से अनुरोध किया है कि जीएसटी वृद्धि पर पुनर्विचार कर इसे तत्काल वापस लिया जाए।
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