यूपी सरकार के अफसरों को सुप्रीम कोर्ट ने फटकारा: पूछा- कुशीनगर की मस्जिद क्यों तोड़ी; क्या अवमानना की कार्रवाई कर दें
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में एक मस्जिद को तोड़े जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के अफसरों को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने पूछा कि कुशीनगर की मस्जिद को तोड़ने की अनुमति क्यों दी गई, जबकि इस पर किसी प्रकार की न्यायिक आदेश नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि क्या अवमानना की कार्रवाई की जाए, क्योंकि यह पूरी घटना संविधान और कानून का उल्लंघन करती है। इस मामले में अदालत ने प्रदेश सरकार के अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
मस्जिद तोड़े जाने का मामला
कुशीनगर में यह मस्जिद कुछ दिन पहले तोड़ दी गई थी, जिसके बाद स्थानीय लोगों और विभिन्न संगठनों ने इसका विरोध किया। मस्जिद के तोड़े जाने की खबरें फैलते ही सामाजिक मीडिया पर भी इस मामले को लेकर हलचल मच गई थी। मस्जिद के विध्वंस पर सवाल उठते हुए कई धार्मिक संगठनों ने इसे कानूनी रूप से गलत बताया था। इसके अलावा, इस मस्जिद को तोड़ने की प्रक्रिया में स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आरोप भी लगाए गए थे।
सुप्रीम कोर्ट का रुख
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देना हर नागरिक का कर्तव्य है। अदालत ने यह भी कहा कि यदि यह कार्रवाई अवैध थी तो अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। कोर्ट ने पूछा, "क्या इस तरह की अवमानना के लिए कार्रवाई की जाए?" इसके साथ ही, कोर्ट ने यूपी सरकार के अधिकारियों से यह भी सवाल किया कि इस तरह की घटना क्यों घटित हुई और क्या सरकार ने इस मामले में उचित कदम उठाए थे या नहीं।
राज्य सरकार का जवाब
इस पूरे मामले में यूपी सरकार ने अपनी ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया, जिससे अदालत के सवालों का उत्तर मिलना कठिन हो गया है। हालांकि, अब राज्य सरकार के अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए समय दिया गया है।