विजय शाह की माफी नामंजूर, एसआईटी जांच का आदेश
MADHYA PRADESH मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया पर की गई विवादित टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। सोमवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने शाह की माफी को ‘घड़ियाली आंसू’ करार देते हुए नामंजूर कर दिया और मामले की जांच के लिए तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एक एसआईटी गठित करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि मंत्री विजय शाह ने बेहद गैर-जिम्मेदाराना बयान दिया, जिससे न केवल एक अधिकारी का अपमान हुआ, बल्कि पूरे देश की भावनाएं आहत हुईं। कोर्ट ने कहा, “हमें आपकी माफी नहीं चाहिए। आपने जो किया वह बिना सोचे-समझे किया और अब क्षमा मांगकर खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।”
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि वह जांच की सीधी निगरानी नहीं करेगा, लेकिन एसआईटी को निर्देश दिया है कि वह स्थिति रिपोर्ट के माध्यम से जांच की प्रगति प्रस्तुत करे। एसआईटी में मध्य प्रदेश कैडर से बाहर के तीन वरिष्ठ अधिकारी होंगे, जिनमें एक महिला अधिकारी भी शामिल होंगी। इस समिति का नेतृत्व एक आईजी स्तर के अधिकारी करेंगे, जबकि अन्य दो सदस्य एसपी या उससे ऊपर के रैंक के होंगे।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा कि राज्य सरकार ने पहले क्यों कार्रवाई नहीं की और हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ही एफआईआर क्यों दर्ज की गई। कोर्ट ने कहा, “राज्य सरकार को निष्पक्ष रहना चाहिए। यह केवल एक कानूनी मामला नहीं है, बल्कि लोगों की भावनाओं से जुड़ा विषय है।”
कोर्ट ने विजय शाह की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगाते हुए कहा कि वह जांच में पूरी तरह सहयोग करें। मामला अगली सुनवाई के लिए 28 मई को सूचीबद्ध किया गया है।
इस पूरे मामले ने राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है और कोर्ट की सख्ती ने स्पष्ट संकेत दिया है कि संवेदनशील मामलों में नेताओं को अधिक जिम्मेदारी से व्यवहार करना होगा।