संत प्रेमानंद ने 12 दिन बाद फिर शुरू की पदयात्रा: भक्तों ने सड़क पर रंगोली बनाई, दीपक जलाए, NRI कॉलोनी के लोगों ने किया स्वागत
प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी ने 12 दिन बाद अपनी पदयात्रा फिर से शुरू की, जिससे उनके लाखों भक्तों में उत्साह और उमंग का माहौल बन गया। संत प्रेमानंद जी की पदयात्रा हमेशा ही लोगों के बीच प्रेम और भक्ति का संदेश लेकर आती है, और इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। भक्तों ने उनकी यात्रा का स्वागत अपनी पूरी श्रद्धा और आस्था से किया।
रंगोली और दीपक से स्वागत
संत प्रेमानंद के मार्ग पर आने से पहले ही भक्तों ने सड़क पर रंगोली बनाई, ताकि वे अपने गुरुदेव का स्वागत करें। दीपक जलाकर सुरक्षा और शांति की कामना की गई और उनके स्वागत में पूरे क्षेत्र को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया गया। यह दृश्य बहुत ही भावुक और प्रेरणादायक था। रंगोली और दीपकों से सजी सड़कें जैसे एक भव्य और आध्यात्मिक स्थल में बदल गईं, जिससे प्रेमानंद जी के भक्तों का सच्चा प्रेम और आस्था दिखी।
NRI कॉलोनी का स्वागत
इसके अलावा, NRI कॉलोनी के लोगों ने भी संत प्रेमानंद जी का भव्य स्वागत किया। कॉलोनी में विभिन्न प्रकार की धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसमें हर वर्ग के लोग शामिल हुए। यह स्वागत विशेष रूप से दिल को छूने वाला था, क्योंकि संत प्रेमानंद जी की पदयात्रा ने भारत और विदेशों में बसे भारतीयों के बीच एकजुटता और आध्यात्मिकता का अहसास कराया।
प्रेमानंद जी की पदयात्रा का महत्व
संत प्रेमानंद जी की पदयात्रा न केवल एक धार्मिक यात्रा है, बल्कि यह मानवता, प्रेम, और सेवा का प्रतीक भी है। उनकी यात्रा से न केवल भक्तों की आस्थाएं और विश्वास मजबूत होते हैं, बल्कि समाज में शांति और भाईचारे का संदेश भी फैलता है। उनकी पदयात्रा के दौरान हर कदम पर आध्यात्मिक जागृति और धार्मिक उत्सव का माहौल बनता है, जो लाखों लोगों के दिलों को छूता है।
संत प्रेमानंद जी की यात्रा का उद्देश्य केवल आध्यात्मिकता का प्रचार नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाना भी है। उनके भक्तों का उत्साह और उनके साथ चलने की आस्था यह दिखाती है कि उनकी यात्रा केवल धार्मिक न होकर एक सामाजिक क्रांति की ओर बढ़ रही है।