Go!
महाकुंभ के धूल से नागा साधुओं को एलर्जी: BHU के डॉक्टरों की टीम इलाज में जुटी, जीन वैज्ञानिक कर रहे एंटीबॉडी टेस्ट

महाकुंभ के धूल से नागा साधुओं को एलर्जी: BHU के डॉक्टरों की टीम इलाज में जुटी, जीन वैज्ञानिक कर रहे एंटीबॉडी टेस्ट

महाकुंभ के आयोजन के दौरान नागा साधुओं को धूल और वातावरण में मौजूद प्रदूषकों से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। खासकर एलर्जी की समस्या बहुत बढ़ गई है, जिससे साधुओं को सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन, और गले में सूजन जैसी समस्याएं हो रही हैं। इस संदर्भ में BHU (Banaras Hindu University) के डॉक्टरों की एक विशेष टीम उपचार में जुटी है, और इसके साथ ही जीन वैज्ञानिक भी इस समस्या के पीछे के कारणों को समझने के लिए एंटीबॉडी टेस्ट कर रहे हैं।

महाकुंभ के धूल और प्रदूषण का प्रभाव

महाकुंभ का आयोजन विश्वभर से लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है, और इस दौरान गंगा के तट पर भारी भीड़ के साथ-साथ धूल और प्रदूषण की मात्रा में भी वृद्धि होती है। इन प्राकृतिक तत्वों का प्रभाव स्वास्थ्य पर बहुत नकारात्मक हो सकता है। नागा साधु विशेष रूप से खुले आकाश में रहते हैं और उनके शरीर का तंत्र ज्यादा प्रभावित होता है। धूल के संपर्क में आने से उनकी एलर्जी और भी गंभीर हो जाती है। साधुओं को विशेष रूप से सांस की समस्या और त्वचा में खुजली जैसी तकलीफें हो रही हैं।

BHU की टीम और इलाज की प्रक्रिया

BHU के डॉक्टरों की टीम ने इस समस्या को गंभीरता से लिया और साधुओं का इलाज शुरू किया है। डॉक्टरों के अनुसार, इस धूल की एलर्जी से बचने के लिए साधुओं को कुछ समय के लिए सुरक्षित स्थानों पर रखा जा रहा है। इसके अलावा, एंटीहिस्टामिन और एलर्जी के इलाज के लिए दवाएं दी जा रही हैं ताकि संक्रमण का खतरा कम हो।

जीन वैज्ञानिकों द्वारा एंटीबॉडी टेस्ट

इसके अलावा, जीन वैज्ञानिकों की टीम भी इस समस्या पर ध्यान केंद्रित कर रही है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह एलर्जी कुछ खास प्रकार के जीन परिवर्तन के कारण हो सकती है। उन्होंने एंटीबॉडी टेस्ट शुरू किए हैं ताकि यह समझा जा सके कि साधुओं के शरीर में किस तरह की प्रतिक्रिया हो रही है और इसे कैसे काबू पाया जा सकता है।

समाज और स्वास्थ्य में जागरूकता

यह स्थिति हमें यह भी दिखाती है कि स्वास्थ्य जागरूकता और प्राकृतिक जोखिमों के प्रति समाज की जिम्मेदारी कितनी अहम है। इस मामले में साधुओं के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव से भी हमें सीखने की जरूरत है कि महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों में स्वास्थ्य सुरक्षा के उपायों को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है।

 

| |
Comments
Leave a comment
VFEV

Our Comments

Advertisement

Test Sidebar Ad

क्या है तहकीकात डिजिटल मीडिया

तहकीकात डिजिटल मीडिया को भारत के ग्रामीण एवं अन्य पिछड़े क्षेत्रों में समाज के अंतिम पंक्ति में जीवन यापन कर रहे लोगों को एक मंच प्रदान करने के लिए निर्माण किया गया है ,जिसके माध्यम से समाज के शोषित ,वंचित ,गरीब,पिछड़े लोगों के साथ किसान ,व्यापारी ,प्रतिनिधि ,प्रतिभावान व्यक्तियों एवं विदेश में रह रहे लोगों को ग्राम पंचायत की कालम के माध्यम से एक साथ जोड़कर उन्हें एक विश्वसनीय मंच प्रदान किया जायेगा एवं उनकी आवाज को बुलंद किया जायेगा।

Videos

© Tahkikaat News 2017. All Rights Reserved. Tahkikaat Digital Media Pvt. Ltd. Designed By: Dizital Dreams