जयपुर में देश का सबसे बड़ा बोनमैरो ट्रांसप्लांट सेंटर, कैंसर मरीजों के लिए बनेगा लाइफलाइन
जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में देश का सबसे बड़ा बोनमैरो ट्रांसप्लांट सेंटर लगभग तैयार हो चुका है। यह अत्याधुनिक केंद्र कैंसर और रक्त संबंधी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यहां हर महीने करीब 50 मरीजों का सफल इलाज किया जा सकेगा, जिससे देशभर के मरीजों को राहत मिलेगी।
बोनमैरो ट्रांसप्लांट सेंटर की खासियतें
- यह केंद्र भारत का सबसे बड़ा बोनमैरो ट्रांसप्लांट सेंटर होगा।
- अत्याधुनिक तकनीकों और विशेषज्ञों की टीम इसे विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधा बनाएगी।
- हर महीने 50 मरीजों का इलाज संभव होगा, जिससे बोनमैरो ट्रांसप्लांट के लिए लंबी वेटिंग लिस्ट कम होगी।
- राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरे भारत से कैंसर मरीजों को लाभ मिलेगा।
- इस सेंटर में इंटरनेशनल स्टैंडर्ड की मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
कैंसर मरीजों के लिए उम्मीद की किरण
बोनमैरो ट्रांसप्लांट उन मरीजों के लिए जीवनदायी उपचार है, जिन्हें ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर), एनीमिया, लिंफोमा और अन्य रक्त विकार होते हैं। अभी तक ऐसे मरीजों को दिल्ली, मुंबई या विदेशों में महंगे इलाज के लिए जाना पड़ता था। जयपुर में यह सुविधा उपलब्ध होने से राजस्थान सहित पूरे उत्तर भारत के मरीजों को राहत मिलेगी।
जयपुर क्यों बना हब?
- राजस्थान सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए इसे एक प्रमुख प्रोजेक्ट के रूप में लिया है।
- जयपुर में आधुनिक मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर और सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल पहले से मौजूद हैं।
- यहां अनुभवी डॉक्टरों और विशेषज्ञों की टीम पहले से कार्यरत है, जिससे ट्रांसप्लांट की सफलता दर बेहतर होगी।
लागत और पहुंच
सरकार और निजी क्षेत्र के सहयोग से इस केंद्र को तैयार किया गया है, जिससे बोनमैरो ट्रांसप्लांट की लागत अन्य बड़े शहरों की तुलना में कम होगी। राजस्थान सरकार और कुछ NGO भी जरूरतमंद मरीजों को आर्थिक मदद देने के लिए आगे आए हैं।
निष्कर्ष
यह बोनमैरो ट्रांसप्लांट सेंटर न केवल जयपुर, बल्कि पूरे भारत के मरीजों के लिए वरदान साबित होगा। इस सुविधा से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का इलाज और भी सुलभ और किफायती बनेगा।