बांग्लादेश-: बहुत उड़ चुके मोहम्मद यूनुस, पर कतरने की तैयारी
बंगलादेश की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बीएनपी और पूर्व पीएम शेख हसीना की लोकतांत्रिक सरकार को सत्ता से हटाने में अहम भूमिका निभाने वाले इस्लामिक छात्र नेता इस साल के अंत तक वहां चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं। वहीं, अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस इसे अगले साल तक टालने की बात कर रहे हैं। अब सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां ने भी दिसंबर, 2025 तक चुनाव कराने की मांग कर दी है। पूरी तरह से अलग-थलग पड़ चुके यूनुस का भविष्य में अधर में पड़ता दिख रहा है।
भारत ने वहां के आंतरिक हालात पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन पूरी स्थिति पर नई दिल्ली की पैनी नजर है। गुरुवार को नवगठित राजनीतिक पार्टी नेशनल सिटीजन पार्टी के मुखिया नाहिद इस्लाम ने मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद इस्लाम ने कहा
कि प्रोफेसर यूनुस काफी विचलित हैं। वह मानते हैं कि व्यवस्था में सुधार करने और साफ-सुथरे तरीके से चुनाव कराने का काम अगर वह नहीं कर पाते हैं तो उन्हें यह पद छोड़ना पड़ सकता है। वह महसूस करते हैं कि आम लोगों की बढ़ती आकांक्षाओं और विभिन्न राजनीतिक घड़े की तरफ से होने वाली मांग के में बीच वह फंस गए हैं। हैं। इस पार्टी में अगस्त, 2024 में गठित कार्यवाहक सरकार में मंत्री बने कुछ नेता भी शामिल हैं। इस्लाम ने अंतरिम सरकार की कार्य प्रणाली से भी नाराजगी जताई। इस्लामिक छात्र नेता भी इस साल ही चुनाव कराने के पक्ष में हैं। इस्लाम के इस बयान से कुछ समय पहले ही सेना प्रमुख वकार-उज-जमां ने बुधवार देर शाम ढाका में कमांडिंग अधिकारियों के साथ हुई एक बैठक में कार्यवाहक सरकार के काम करने के तरीके पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि दिसंबर तक चुनाव होना चाहिए और उसके बाद ही राष्ट्रीय मुद्दों पर फैसला होना चाहिए। किसी गैर-निर्वाचित सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए। देश में शांति-व्यवस्था कायम रखने में कार्यवाहक सरकार की असफलता पर भी सेना प्रमुख ने अपनी नाराजगी जताई। पूर्व में जब अंतरिम सरकार ने आंतरिक शांति के लिए सेना से सहयोग मांगा था, तब सेना ने इसमें बड़ी भूमिका था, त निभाने से मना कर दिया था। कहा था कि यह काम पुलिस प्रशासन का है। पूर्व पीएम खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी की तरफ से भी दिसंबर तक चुनाव कराने की मांग की जा रही है। बीएनपी के नेता कह रहे हैं कि बगैर चुनाव की संभावना के किसी कार्यवाहक सरकार का बहुत दिनों तक समर्थन नहीं किया जा सकता। सेना और यूनुस के बीच तनाव बढ़ने का कारण अमेरिका की तरफ से म्यांमार के रखाइन क्षेत्र के लिए एक मानवीय गलियारा बनाने का प्रस्ताव है।