Go!
50 से कम छात्र वाले प्राइमरी स्कूल बंद से बच्चों का भविष्य संकट में, प्राइवेट स्कूलों की चांदी

50 से कम छात्र वाले प्राइमरी स्कूल बंद से बच्चों का भविष्य संकट में, प्राइवेट स्कूलों की चांदी

 

रविन्द्र कुमार चौधरी 

बस्ती -जिले के कई गांवों में स्थित सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों की संख्या 50 से कम होने पर उन्हें बंद कर दिया गया है। इससे ग्रामीण बच्चों को अपने गांव से दूर दो से तीन किलोमीटर दूर स्थित अन्य विद्यालयों में पढ़ाई के लिए जाना पड़ रहा है। इससे प्राइवेट स्कूलों की चांदी है।अभिभावकों का कहना है कि छोटे बच्चों के लिए इतनी दूरी तय करना कठिन है। खासकर जब परिवहन की पर्याप्त सुविधाएं न हों। इससे बच्चों की नियमित उपस्थिति, सुरक्षा और शिक्षा पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। दूसरी तरफ जिले में बिना मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों की बाढ़ आई हुई है। शासन के स्पष्ट निर्देशों और शिक्षा विभाग की निगरानी व्यवस्था के बावजूद इन विद्यालयों का संचालन खुलेआम हो रहा है। न तो इन स्कूलों में योग्य शिक्षक हैं, न भवन सुरक्षित है और न ही बच्चों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध है। इसके बावजूद ये स्कूल शिक्षा के नाम पर अभिभावकों से मोटी फीस वसूल रहे है। स्थानीय नागरिकों और शिक्षा से जुड़े सामाजिक संगठनों का कहना है कि सरकार को चाहिए कि वह सरकारी विद्यालयों को बंद करने के बजाय उनमें आवश्यक संसाधन, शिक्षकों की नियुक्ति और सुविधाओं में सुधार करे। साथ ही शिक्षा विभाग को जिले में चल रहे अवैध निजी स्कूलों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। एक तरफसरकार शिक्षा की गुणवत्ता और समानता की बात करती है, दूसरी तरफ जिन सरकारी स्कूलों में गरीब, ग्रामीण और पिछड़े वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं, उन्हें बंद किया जा रहा है। इससे निजी शिक्षा माफिया को बढ़ावा मिल रहा है और ग्रामीण बच्चों की शिक्षा पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ विद्यालय की दूरी और दूसरी तरफ निजी स्कूलों का आर्थिक बोझ पड़ रहा है।जनपद बस्ती की यह स्थिति शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करती है। सरकार और प्रशासन से क्षेत्र की जनता मांग कर रही है कि वे विद्यालय बंदी के फैसले की समीक्षा करें और मानकविहीन निजी स्कूलों पर त्वरित और कठोर कार्रवाई करें, ताकि शिक्षा का अधिकार हर बच्चे तक समान रूप से पहुंच सके।

| |
Leave a comment
OC92

Comment

Advertisement

Test Sidebar Ad

क्या है तहकीकात डिजिटल मीडिया

तहकीकात डिजिटल मीडिया को भारत के ग्रामीण एवं अन्य पिछड़े क्षेत्रों में समाज के अंतिम पंक्ति में जीवन यापन कर रहे लोगों को एक मंच प्रदान करने के लिए निर्माण किया गया है ,जिसके माध्यम से समाज के शोषित ,वंचित ,गरीब,पिछड़े लोगों के साथ किसान ,व्यापारी ,प्रतिनिधि ,प्रतिभावान व्यक्तियों एवं विदेश में रह रहे लोगों को ग्राम पंचायत की कालम के माध्यम से एक साथ जोड़कर उन्हें एक विश्वसनीय मंच प्रदान किया जायेगा एवं उनकी आवाज को बुलंद किया जायेगा।

© Tahkikaat News 2017. All Rights Reserved. Tahkikaat Digital Media Pvt. Ltd. Designed By: Dizital Dreams