सूरज की रोशनी से भी अंधेरे में उत्पन्न होती है ऑक्सीजन, गहरे समुद्र में मिला खजाना
वैज्ञानिकों ने प्रशांत महासागर के हवाई और मेक्सिको के पश्चिमी तट के बीच समुद्र की गहराई में एक अद्भुत खनिज संपदा खोजी है। समुद्र की सतह से 13,123 फीट नीचे, इस क्षेत्र में मैंगनीज, तांबा, जस्ता और कोबाल्ट से भरे भंडार मिले हैं। इसे क्लेरीयन क्लिपर्टन ज़ोन (CCZ) कहा जाता है, जो लगभग 45 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
यहां पाए गए पॉलीमेटेलिक नोड्यूल नामक चट्टानों में ये धातुएं इतनी प्रचुर मात्रा में हैं कि हरित ऊर्जा और अन्य औद्योगिक क्षेत्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि शोधकर्ताओं ने पाया कि यह क्षेत्र गहरे समुद्र में, जहां सूरज की रोशनी नहीं पहुँचती, वहां भी ऑक्सीजन उत्पन्न कर रहा है। इसे वैज्ञानिक “डार्क ऑक्सीजन” कहते हैं। इस खोज से यह धारणा बदल सकती है कि पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत कैसे हुई और सौर मंडल के बर्फीले चंद्रमाओं जैसे एन्सेलाडस और यूरोपा पर जीवन कैसे संभव हो सकता है।
शोधकर्ताओं का मानना है कि गहरे समुद्र में ऑक्सीजन का उत्पादन बैटरी जैसी जियोप्रक्रिया के माध्यम से हो रहा है। समुद्री जल में मौजूद बैक्टीरिया और आर्किया इस प्रक्रिया में हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को अलग करके ऑक्सीजन का निर्माण कर सकते हैं।
इस खोज ने वैज्ञानिकों के लिए जीवन की उत्पत्ति और ऊर्जा उत्पादन के नए रास्ते खोल दिए हैं। अब यह साफ है कि जीवन और ऊर्जा केवल सूर्य की रोशनी पर निर्भर नहीं हैं।