सपा का हंगामा, अभिभाषण पूरा नहीं पढ़ पाईं राज्यपाल: 59 मिनट का था...महज 8 मिनट पढ़कर लौटीं; बेड़ियों में विधानसभा पहुंचे सपा विधायक
उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज एक अजीबोगरीब घटनाक्रम हुआ जब राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण सपा (समाजवादी पार्टी) के हंगामे के कारण पूरा नहीं पढ़ा जा सका। राज्यपाल का अभिभाषण कुल 59 मिनट का था, लेकिन विधानसभा में विपक्षी पार्टी सपा के विधायकों के लगातार विरोध और हंगामे के कारण राज्यपाल केवल महज 8 मिनट तक ही अपना भाषण पढ़ पाईं और बाद में उन्हें अपना अभिभाषण अधूरा छोड़कर लौटना पड़ा।
हंगामा और विरोध
सपा के विधायकों ने विधानसभा में भारी हंगामा किया और राज्यपाल के अभिभाषण को रोकने की कोशिश की। उनका मुख्य आरोप था कि उत्तर प्रदेश की सरकार के खिलाफ जो समस्याएं और मुद्दे हैं, उन पर चर्चा नहीं की जा रही थी। इसके अलावा, सपा के विधायकों ने सरकार द्वारा किए जा रहे कुछ फैसलों का विरोध करते हुए राज्यपाल के अभिभाषण को पूरी तरह से विधानसभा में न पढ़े जाने का आरोप लगाया।
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान, सपा के विधायकों ने बेड़ियों में बंधे हुए विधानसभा में प्रवेश किया। यह एक प्रतिकात्मक प्रदर्शन था, जिसका उद्देश्य सरकार द्वारा उनकी आवाज को दबाने का विरोध करना था। इस कदम से सपा ने अपनी चिंता और सरकार के फैसलों के खिलाफ असंतोष को प्रकट किया।
राज्यपाल का अभिभाषण
राज्यपाल का अभिभाषण एक महत्वपूर्ण अवसर होता है, जब राज्य सरकार अपनी योजनाओं और आगामी कार्यों की रूपरेखा प्रस्तुत करती है। लेकिन आज का अभिभाषण एक अजीब स्थिति में तब्दील हो गया जब राज्यपाल का भाषण सरकार और विपक्ष के बीच विवाद का कारण बन गया। राज्यपाल ने जैसे ही अपनी बात शुरू की, सपा के विधायकों ने शोर-शराबा किया और उन्हें अपनी बात नहीं रखने दी।
राज्य की राजनीति में बढ़ते तनाव
आज के घटनाक्रम ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में तनाव को और बढ़ा दिया है। जहां एक ओर सपा और विपक्ष सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सत्ताधारी पार्टी ने राज्यपाल के अभिभाषण को ब interrup्ट होने के बावजूद अपनी नीति को सही ठहराने की कोशिश की। इस घटना ने राज्य की राजनीतिक स्थिति को और भी अधिक जटिल बना दिया है।