डॉ. राजीव मिश्रा - देश में इलेक्ट्रिक वीइकल क्रांति लाने के लिए सामाजिक जागरूकता आवश्यक
नई दिल्ली : इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिक वीइकल एसोसिएशन (आई फीवा) के अध्यक्ष डॉ.राजीव मिश्रा ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि इलेक्ट्रिक वीइकल चार्जिंग के लिये भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) जल्द ही एक ऐसा डिजिटल एप विकसित करने जा रही है, जिसकी मदद से देशभर में स्थित इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन की पूरी जानकारी मिल जाएगी।
डॉ.मिश्रा ने आगे बताया भारी उद्योग मंत्रालय के मुताबिक भेल की तरफ से विकसित होने वाला यह एप इलेक्ट्रिक वाहनों के यूजर्स के लिए सिंगल प्लेटफार्म के तौर पर काम करेगा। यहां यूजर्स अपनी गाड़ी का चार्ज करने के लिए रियल टाइम में स्लाट की बुकिंग करा सकेंगे, भुगतान कर सकेंगे और चार्जर की उपलब्धता की स्थिति जान सकेंगे। चार्जिंग स्टेशन की स्थापना को लेकर राज्यों के प्रस्ताव के मूल्यांकन के लिए भेल राज्यों एवं उनके मंत्रालयों के साथ समन्वयन का काम भी करेगी। इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग को आसान बनाने के लिए पीएम ई-ड्राइव स्कीम के तहत मार्च 2026 तक विभिन्न सार्वजनिक जगहों पर 72 हजार ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे। इस काम के लिए भारी उद्योग मंत्रालय की तरफ से 2000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। चार्जिंग स्टेशन की स्थापना देश के 50 राष्ट्रीय राजमार्ग के कारिडोर के साथ विभिन्न मेट्रो सिटी, टोल प्लाजा, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट व राज्य राजमार्ग पर किए जाएंगे।
डॉ. राजीव मिश्रा इन्टरनेशनल फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रिक वीइकल एसोसिएशन (आई फीवा) के 100 दिवसीय भारत ईवी महा रैली के बारे में बता रहे थे , जो भारत में प्रथम बार हो रहा है l इसके माध्यम से ईवी अभिग्रहण, महिला उत्थान, हरित क्रांति एवं जीरो कार्बन उत्सर्जन को पूरे देश में जागरूकता लाने का प्रयास किया जा रहा है l देश में इलेक्ट्रिक वीइकल क्रांति लाने के लिए सामाजिक जागरूकता आवश्यक है जो आई फीवा के द्वारा किया जा रहा है l अधिक जानकारी एवं सहयोग के लिए www.fevaev.com देखें l
भारी उद्योग मंत्रालय ने पीएम-ई ड्राइव योजना के तहत बेंगलुरू को लगभग 4500, हैदराबाद को 2000, दिल्ली को 2800, अहमदाबाद को 1000 और सूरत को 600 इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराने का भी आश्वासन दिया है।
पीएम-ई ड्राइव के तहत अप्रैल 2024 से लेकर अगले साल मार्च 2026 तक 10,900 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ 14028 इलेक्ट्रिक बसें चलाने का लक्ष्य रखा गया है।