करवाचौथ 2025: पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए महिलाएं रखेंगी निर्जला व्रत
आजमगढ़। संवाददाता उपेन्द्र कुमार पांडेय।
करवाचौथ का पावन पर्व इस वर्ष शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को धूमधाम से मनाया जाएगा। यह पर्व सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पति की दीर्घायु, सुख और समृद्धि की कामना के लिए रखा जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, करवाचौथ कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को करवा माता की पूजा के साथ कथा सुनती हैं।
व्रत की विधि एवं शुभ मुहूर्त:
1️⃣ सर्ग ग्रहण: सूर्योदय से पहले (सुबह 6 बजे से पहले) सास या परिवार की दी हुई सर्ग (फल, मिठाई, पूड़ी आदि) ग्रहण की जाती है।
2️⃣ व्रत अवधि: सूर्योदय से चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखा जाता है।
3️⃣ पूजा मुहूर्त: शाम 5:57 बजे से 7:11 बजे तक का समय सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस दौरान गणेश जी, भगवान शिव-पार्वती और चंद्र देव की पूजा की जाती है।
4️⃣ व्रत उद्यापन: चंद्र दर्शन के बाद पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत खोला जाता है।
यह पर्व पति-पत्नी के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। महिलाएं दिनभर उपवास रखकर शाम को पारंपरिक वेशभूषा, सोलह श्रृंगार और मेहंदी से स्वयं को सजाती हैं।
भूपेन्द्रानन्द गुरु जी के अनुसार, करवाचौथ का व्रत न केवल वैवाहिक सुख बढ़ाता है बल्कि परिवार में सौहार्द और समृद्धि भी लाता है।