Go!
बिहार चुनाव परिणाम की समीक्षा एवं प्रउत के लिए आधारभूमि

बिहार चुनाव परिणाम की समीक्षा एवं प्रउत के लिए आधारभूमि

 

 ✍️ करण सिंह शिवतलाव प्रधानाचार्य, जयपुर

बिहार चुनाव परिणाम की समीक्षा के पाँच मुख्य बिंदु हैं: NDA की प्रचंड जीत, महागठबंधन की विफलता, वोट चोरी के आरोप, प्रशांत किशोर की राजनीति, और प्राउटिस्टों का साहस। हमारे चिंतन का दूसरा विषय प्रउत की आधारभूमि भी है, क्योंकि प्रउत का जन्म बिहार की भूमि पर हुआ और इसे लेकर सर्वाधिक कार्य बिहार और बंगाल में हुआ है।

 *बिहार चुनाव की समीक्षा* 

 *1. NDA की प्रचंड जीत*  : -  जहाँ रोजगार, पलायन और सुव्यवस्था बिहार के मुख्य मुद्दे रहे, वहीं सत्ताधारी गठबंधन का प्रचंड जीत हासिल करना गहन समीक्षा का विषय है। यह मानना सही नहीं है कि NDA की जीत  नरेंद्र मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व या नीतीश कुमार के सुशासन का परिणाम है। यह जीत मुख्यतः अमित शाह की कुशल सोशल इंजीनियरिंग और कूटनीति का परिणाम है, जिसमें कई वैध और अवैध कारक शामिल रहे होंयाद

 *2. महागठबंधन की विफलता*   :- यह विफलता मुख्य रूप से लालू प्रसाद यादव और उनकी राजनीतिक विरासत की है, जिसका खामियाजा राहुल गाँधी और उनकी राजनीति को भी भुगतना पड़ा है। चुनावी रणनीति के पारंपरिक तरीके (भाषण, रैलियाँ, आरोप-प्रत्यारोप) अब पुराने हो चुके हैं। जनता को अब नए किस्म की राजनीति की आवश्यकता है, जिसे महागठबंधन बिहार के जनमानस को देने में विफल रहा।
 *3. प्रशांत किशोर की राजनीति* 

प्रशांत किशोर (PK) बिहार की राजनीति में कितने सफल होंगे, इसका मूल्यांकन उनके पहले प्रयास से नहीं किया जा सकता। हालाँकि, उनकी राजनीति ने अब तक के राजनीतिक दृष्टिकोण को अवश्य बदल दिया है, जो एक महत्वपूर्ण बदलाव है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने भी इसी तरह के राजनीतिक प्रयोग किए थे, लेकिन सत्ता की महत्वाकांक्षा में वह फिसल गए और अपने मजबूत दिल्ली के दुर्ग को खतरे में डाल दिया।

 *4. वोट चोरी एवं मतदाता सूची की SIR*  :- वोट चोरी का सीधा संबंध चुनाव आयोग से है और इसमें सत्तारूढ़ दल की अनैतिकता की झलक मिल सकती है। यद्यपि आज के परिप्रेक्ष्य में इन संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता, फिर भी समीक्षा के लिए यह एक गौण मुद्दा है जो हमेशा स्पष्टता नहीं देता। सत्ता पक्ष की जीत अक्सर इन संभावनाओं को बल देती है, इसलिए यह गहन और निष्पक्ष जाँच का विषय होना चाहिए।

 *5. प्राउटिस्टों का साहस*  :- बिहार चुनाव की समीक्षा तब तक अधूरी है, जब तक राजनीति में आध्यात्मिक नैतिकता की मशाल लिए चल रहे प्राउटिस्टों के साहस को नमन न किया जाए। प्रउत (PROUT) न केवल लोकतंत्र का ध्यान बुनियादी मुद्दों पर केंद्रित करता है, बल्कि यह राजनीति को पवित्रता का पाठ भी पढ़ाता है। जहाँ आज की राजनीति अनैतिकता और आडंबर में डूबी है, वहीं राजनीतिक और सामाजिक-आर्थिक जगत में आध्यात्मिक नैतिकता की लौ जलाए रखना और इसके लिए अथक प्रयास करना प्राउटिस्टों के अदम्य साहस का प्रमाण है। निरंतर विफलताओं और सफलता की कोई स्पष्ट किरण न दिखने के बावजूद, आध्यात्मिक नैतिकता को सर्वोपरि रखना प्राउटिस्टों को सम्मान देने के लिए आज के युग को बाध्य करता है।

 *प्रउत की आधारभूमि* 

प्रउत दर्शन (प्रगतिशील उपयोग तत्व) सर्वजन के हित और सर्वजन के सुख के लिए प्रचारित हुआ है, और इसमें सर्वजन का हित तथा सुख कायम करने के सभी सिद्धांत मौजूद हैं। चूँकि प्रउत का जन्म, प्रथम विश्लेषण और सर्वाधिक कार्य बिहार (और बंगाल) की भूमि पर हुआ है, इसलिए मेरे विचार से बिहार को प्रउत की आधारभूमि मानकर कार्य करना सबसे बेहतर, सुगम और सफल होगा। बंगाल के संदर्भ में समीक्षा पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद लिखी जाएगी।
बिहार अतीत में भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिक संपदा का समृद्ध प्रदेश रहा है, फिर भी आज यह भारत का सबसे अविकसित राज्य बना हुआ है। यह प्रत्येक बिहारी और प्राउटिस्ट के लिए चिंता का विषय है। अब समय आ गया है कि प्रत्येक प्राउटिस्ट, चाहे उसकी जन्मभूमि और कर्मभूमि बिहार हो या न हो, बिहार को खोखले वादों और दिवास्वप्नों से बाहर निकालकर सत्यता के प्रकाश में लाए। 

    जातिवाद, सांप्रदायिकता और आदर्श विहीन राजनीति के जाल से बिहार को मुक्त करके, उसे सर्वजन हित और सर्वजन सुख का प्रदेश बनाने का समय आ गया है, जो नव्य-मानवतावाद की आधारशिला पर खड़ा हो।
अंततः, बिहार का चुनाव परिणाम जो भी रहा हो, बिहार का भविष्य इन राजनेताओं के हाथ में सुरक्षित नहीं है। अतः, प्राउटिस्टों को बिहार को अपने अधिकार क्षेत्र में लेना ही होगा।

 

| |
Leave a comment
ELLK

Comment

Advertisement

Test Sidebar Ad

क्या है तहकीकात डिजिटल मीडिया

तहकीकात डिजिटल मीडिया को भारत के ग्रामीण एवं अन्य पिछड़े क्षेत्रों में समाज के अंतिम पंक्ति में जीवन यापन कर रहे लोगों को एक मंच प्रदान करने के लिए निर्माण किया गया है ,जिसके माध्यम से समाज के शोषित ,वंचित ,गरीब,पिछड़े लोगों के साथ किसान ,व्यापारी ,प्रतिनिधि ,प्रतिभावान व्यक्तियों एवं विदेश में रह रहे लोगों को ग्राम पंचायत की कालम के माध्यम से एक साथ जोड़कर उन्हें एक विश्वसनीय मंच प्रदान किया जायेगा एवं उनकी आवाज को बुलंद किया जायेगा।

© Tahkikaat News 2017. All Rights Reserved. Tahkikaat Digital Media Pvt. Ltd. Designed By: Dizital Dreams