मरीजों को मिला निःशुल्क उपचार व परामर्श
रिपोर्ट --विनोद कुमार सोनबरसा बाजार एवं जगदीशपुर गोरखपुर
गोरखपुर/एम्स क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता को देखते हुए कुसम्ही बाजार स्थित अम्बे मेडिकल स्टोर पर शनिवार को आयोजित निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण शिविर जनसेवा की एक अनुकरणीय मिसाल बनकर सामने आया। इस शिविर में वरिष्ठ फिजिशियन एवं बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ. ए. के. पाण्डेय द्वारा कुल 62 मरीजों का गहन स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। शिविर में लाभ लेने वालों में अधिकांश बुजुर्ग महिलाएं रहीं, वहीं बच्चों भी लाभार्थी रहे।
शिविर के दौरान मरीजों को न केवल निःशुल्क परामर्श दिया गया, बल्कि आवश्यकतानुसार दवाओं का निःशुल्क वितरण भी किया गया। स्वास्थ्य जांच को और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से खून की जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई। इसके साथ ही श्वसन रोगों से पीड़ित मरीजों के लिए पिक फ्लो मीटर के माध्यम से फेफड़ों की जांच की गई, जिससे अस्थमा एवं अन्य सांस संबंधी समस्याओं की सटीक पहचान संभव हो सकी।
डाॅ. ए. के. पाण्डेय ने शिविर में आए मरीजों के परीक्षण के बाद बताया कि बड़ी संख्या में थायराइड, मधुमेह (शुगर), उच्च व निम्न रक्तचाप तथा अस्थमा से ग्रसित मरीज सामने आए। उन्होंने रोगियों को दवाओं के साथ-साथ खान-पान में सावधानी, संतुलित आहार, नियमित दिनचर्या और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की विस्तृत जानकारी दी। डाॅ. पाण्डेय ने कहा कि जीवनशैली में छोटे-छोटे सुधार कर अनेक गंभीर बीमारियों से बचाव संभव है।
शिविर की एक विशेष उपलब्धि यह रही कि फिजियोथेरेपिस्ट राजकुमार द्वारा जरूरतमंद मरीजों को फिजियोथेरेपी उपचार के साथ-साथ आवश्यक चिकित्सीय प्रशिक्षण भी दिया गया। इससे विशेषकर जोड़ों के दर्द, चलने-फिरने में परेशानी एवं मांसपेशियों से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे बुजुर्ग मरीजों को काफी राहत मिली।
शिविर के सफल आयोजन में डाॅ. आर. पी. विश्वकर्मा की सक्रिय भूमिका रही। उनके साथ संतोष गुप्ता, मुकेश गुप्ता, सत्यम, बृजेश, राजकुमार, डाॅ. अश्विनी विश्वकर्मा, डाॅ. मुरारी लाल, सत्येंद्र, विशाल गौड़, करण गौड, एवं समर इत्यादि सहित अनेक समाजसेवियों एवं स्थानीय नागरिकों ने व्यवस्था संभालने से लेकर मरीजों को सहयोग प्रदान करने तक महत्वपूर्ण योगदान दिया।
आयोजकों ने बताया कि इस प्रकार के निःशुल्क स्वास्थ्य शिविरों का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर एवं जागरूकता की कमी के कारण समय पर इलाज न करा पाने वाले लोगों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना है। स्थानीय नागरिकों ने भी इस पहल की सराहना करते हुए भविष्य में ऐसे और शिविर आयोजित करने की मांग की, ताकि समाज का हर वर्ग स्वस्थ जीवन की दिशा में आगे बढ़ सके।