समीक्षा बैठकों में एक अधिकारी का वेतन रोकने तथा एक अधिकारी को स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का दिया निर्देश
उपेन्द्र कुमार पांडेय
आज़मगढ़:: मण्डलायुक्त विवेक ने मण्डल के जनपदों में एक करोड़ से अधिक लागत की निर्माणाधीन परियोजनाओं, कर करेत्तर राजस्व वसूली एवं अन्य राजस्व कार्यों तथा नगरीय निकायों में संचालित कार्यक्रमों आदि की अद्यतन प्रगति की समीक्षा के दौरान कतिपय कार्यों की प्रगति खराब पाये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए एक अधिकारी का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने तथा एक अन्य अधिकारी को स्पष्टीकरण प्रस्तुत का निर्देश दिया। मण्डलायुक्त ने सोमवार को देर सायं आयुक्त सभागार में आयोजित उक्त समीक्षा बैठकों में सभी अधिकारियों को समय से अपने अपने कार्यालय में उपस्थित होने तथा आमजन की समस्याओं को सुनकर उसका नियमानुसार समयबद्ध निस्तारण कराने का भी निर्देश दिया।
मुख्यमन्त्री डैशबोर्ड-सीएमआईएस पर प्रदर्शित प्रगति के आधार पर मण्डलायुक्त विवेक ने जनपदों में एक करोड़ से अधिक लागत की निर्माणाधीन परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान गत बैठक में कार्यदायी संस्था उप्र जल निगम द्वारा माह में 77 कार्य पूर्ण करा लिये जाने के निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष पूर्ण कराये गये कार्यों की जानकारी चाही, जिस पर सम्बन्धित विभाग द्वारा 25 कार्य पूर्ण होना बताया गया। इस सम्बन्ध में मण्डलायुक्त ने जल निगम के अधीक्षण अभियन्ता को निर्देशित किया कि इस माह में पूर्ण कराये जाने हेतु लक्षित 84 कार्यों में गत माह के अवशेष कार्यों को भी सम्मिलित करते हुए शत प्रतिशत प्रगति लाना सुनिश्चित किया जाय। इसी क्रम में उन्होंने यूपीपीसीएल के परियोजना प्रबन्धक को निरन्तर स्थलीय निरीक्षण कर मानक और गुणवत्ता के साथ निर्माण कार्यों को समय से पूर्ण कराये जाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जिन निर्माणाधीन कार्यों हेतु धनराशि शीघ्र मिलने की संभावना है
जनपदों में राजस्व वादों के निस्तारण की न्यायालयवार समीक्षा की जाय: मण्डलायुक्त
मण्डलायुक्त विवेक ने कर करेत्तर राजस्व वसूली एवं अन्य राजस्व कार्यों की मुख्यमन्त्री डैशबोर्ड पर प्रदर्शित प्रगति के आधार पर समीक्षा करते हुए मण्डल के तीनों जनपद आजमगढ़, बलिया एवं मऊ के जिलाधिकारियों से कहा कि जनपदों के राजस्व न्यायालयों में योजित राजस्व वादों के निस्तारण में शासन द्वारा निर्धारित मानक को अनिवार्य रूप से पूर्ण करायें। उन्होंने यह भी कहा कि जनपदों में राजस्व वादों का अधिक से अधिक निस्तारण सुनिश्चित कराये जाने के दृष्टिगत न्यायालयवार निस्तारण की समीक्षा करें। उन्होंने निर्देश दिया कि तहसीलों में विभिन्न धाराओं के अन्तर्गत योजित राजस्व वादों में तीन वर्ष से अधिक तथा पॉंच वर्ष से अधिक अवधि से लम्बित वादों के निस्तारण को प्राथमिकता देते हुए अधिक से अधिक वादों का निस्तारण कराये। मण्डलायुक्त ने कहा कि उप्र राजस्व संहिता की धारा-116 (कुर्रा बंटवारा) तथा धारा-24 (पैमाइश) के सम्बन्ध में जनपदों से सही रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो रही है, जबकि इसके लिए पूर्व में इसके सम्बन्ध में विस्तार से दिशा निर्देश निर्गत किये गये हैं। उन्होंने कहा कि इन दोनों धाराओं का निस्तारण पक्षों की उपस्थिति में मौके पर कराया जाय। मण्डलायुक्त विवेक ने राजस्व से सम्बन्धित अन्य कार्यों की समीक्षा में पाया कि उप्र जल निगम (नगरीय) विभाग द्वारा संचालित अमृत-2 योजना के अन्तर्गत जहॉं मण्डल के अन्तर्गत जनपद बलिया एवं मऊ की वित्तीय लक्ष्य प्राप्ति शत प्रतिशत है, वहीं आजमगढ़ की वित्तीय लक्ष्य प्राप्ति 83.99 प्रतिशत है। उन्होनंे इस स्थिति पर नाराजगी
मण्डलायुक्त विवेक ने स्थानीय निकायों के कार्याे की समीक्षा करते हुए मण्डल के तीनों जनपदों के प्रभारी अधिकारी, स्थानीय निकाय को निर्देश दिया कि अपने अपने जनपदों की समस्त नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों का निरीक्षण करें तथा निकायों की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करायें। उन्होंने कहा कि निकायों में खराब कार्य करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही भी करें। बैठक में अपर आयुक्त-प्रशासन शमशाद हुसैन ने गत दिवस मण्डल के अन्तर्गत कतिपय नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों में किये गये निरीक्षण के सम्बन्ध में अवगत कराया कि उनके द्वारा निरीक्षण के दौरान निकायों में स्थित कई सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में सभी शौचालयों में सफाई व्यवस्था अत्यन्त दयनीय पाई गयी, पानी, बाल्टी, मग आदि की भी व्यवस्था भी नहीं थी। इसके अलावा जितने प्याऊ का निरीक्षण किया गया उसमें अधिकांश की टोटियॉं खराब थीं, फर्श पर काई और मिट्टी की परतें जमी हुई पाई गयी थीं, टैंकों की सफाई भी कहीं नहीं पायी गयी। मण्डलायुक्त ने इस स्थिति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्थिति सभी निकायों में होना संभावित है, इसलिए सभी प्रभारी अधिकारी, स्थानीय निकाय अपने अपने जनपद के अन्तर्गत सभी निकायों का स्वयं निरीक्षण करें तथा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करायें। उन्होंने अधिशासी अधिकारियों द्वारा निकायों में भ्रमण नहीं किए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी ईओ को सख्त निर्देश दिया कि समय से कार्यालय में उपस्थित होकर आमजन की समस्याओं को सुनें तथा पूरी संवेदनशीलता के साथ उनके साथ सद्व्यवहार करते हुए समस्याओं का निराकरण करें। उन्होंने निर्देशित किया कि नियमित रूप से निकायों का भ्रमण कर स्थानीय आवश्यकताओं की जानकारी लें तथा तद्नुसार कार्यवाही करें। मण्डलायुक्त विवेक ने समस्त ईओ को निर्देशित किया कि प्राथमिकता के आधार पर सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों की साफ सफाई कराना, सभी प्याऊ पर शुद्ध पेयजल व्यवस्था करना तथा मलिन बस्तियों में मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराना तत्काल सुनिश्चित कराया जाय। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों का उनके द्वारा औचक निरीक्षण कराया जा रहा है। निरीक्षण में कहीं भी अनियमितता, साफ सफाई में कमी आदि पाये जाने पर सम्बन्धित के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी। उन्हांेने कहा कि निकायों में आबादी के बीच तालाबों को चिन्हित कर क्रमवार सफाई करायें। इसके साथ ही ठण्ड को देखते हुए अलाव व्यवस्था, रैन बसेरों और कम्बल वितरण पर विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने निर्देश दिया कि कोई भी पात्र व्यक्ति कम्बल पाने से वंचित नहीं रहना चाहिए। इससे पूर्व मण्डलायुक्त ने मण्डल के अन्तर्गत समस्त स्थानीय निकायों में स्थापित रैन बसेरों, अलाव आदि व्यवस्थाओं की विस्तार से जानकारी ली।
इन बैठकों में जिलाधिकारी आजमगढ़ रविन्द्र कुमार, जिलाधिकारी बलिया मंगला प्रसाद सिंह, जिलाधिकारी मऊ प्रवीण मिश्र, मुख्य विकास अधिकारी आजमगढ़ परीक्षित खटाना, मुख्य विकास अधिकारी मऊ प्रशान्त नागर, अपर आयुक्त-प्रशासन शमशाद हुसैन, अपर जिलाधिकारी मऊ सत्यप्रिय सिंह, सीआरओ आजमगढ़ व मऊ क्रमशः संजीव ओझा व दिनेश, संयुक्त विकास आयुक्त रविशंकर राय, उप निदेश्क अर्थ एवं संख्या हेमन्त कुमार, संख्याधिकारी डा. नीरज श्रीवास्तव, मुख्य अभियन्ता लोक निर्माण विभाग सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।