मालवीय जी सच्चे अर्थों में भारत के निर्माता है एवं संस्कारों के पक्षधर महा मानव थे
उपेन्द्र कुमार पांडेय
आजमगढ़। ब्राह्मण समाज कल्याण के तत्वावधान में महामना पण्डित मदन मोहन मालवीय जी की जयन्ती गुरुवार को सिधारी स्थित अनुपम वाटिका में मनायी गयी ।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मालवीय जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गायत्री परिवार के जिला प्रमुख कैलाश तिवारी ने अपने सम्बोधन के दौरान कहा कि मालवीय जी बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे।वह एक कुशल वक्त,विद्वान अधिवक्ता,कुशल पत्रकार महान स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी,सफल राजनेता ,काशी हिंदू विश्व विद्यालय के संस्थापक एवं प्रथम कुलपति तह सबसे बड़े समाज सुधारक थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ब्राह्मण समाज कल्याण परिषद के जिलाध्यक्ष ब्रजेश नन्दन पाण्डेय ने कहा कि मालवीय जी सच्चे अर्थों में भारत के निर्माता एवं संस्कारों के पक्षधर महा मानव थे ।मालवीय जी काशी हिन्दू विश्व विद्यालय की स्थापना के माध्यम से छात्र के रूप में आधुनिक ऋषि उत्पन्न करना चाहते थे ।मालवीय जी एक युगद्रष्टा,महान शिक्षाविद,एवं इस युग के आदर्श पुरुष थे। श्री पाण्डेय ने कहा कि मालवीय जी बहु आयामी प्रतिभा के धनी थे। मालवीय जी ने इस देश की अभूत पूर्व सेवा में अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर दिया । मालवीय जी को प्रथम एवं अन्तिम बार महामना की उपाधि प्राप्त हुई ।उन्होंने काशी नरेश से भूमि प्राप्त कर दुनिया का सबसे बड़ा आवासीय विश्व विद्यालय बनवाया जिसमे प्राचीन वेद शास्त्र एवं कर्म काण्ड की शिक्षा के साथ साथ अर्वाचीन ज्ञान विज्ञान की शिक्षा की व्यवस्था किया ।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित कृष्ण मोहन त्रिपाठी ने कहा कि मालवीय जी स्वतंत्रता के महा समर में शिक्षा का शंखनाद किया एवं सच्चे अर्थों में भारत निर्माता तथा देश की प्रगति तथा उत्थान के लिए सर्वस्व त्याग एवं समर्पण की भावना के पोषक थे ।
उन्होंने कहा कि मालवीय जी शिक्षा को मानव विकास का मूल मानते थे एवं उनके शैक्षिक विचार सर्वकालिक एवं चिर नवीन हैं । काशी हिन्दू विश्व विद्यालय की स्थापना मालवीय जी की शिक्षा एवं साहित्य सेवा का अमिट शिलालेख है । वह सच्चे अर्थों में भारत निर्माता तथा देश की प्रगति एवं उत्थान के लिए सर्वस्व त्याग एवं समर्पण की भावना के पोषक थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्रजेश नन्दन पाण्डेय एवं संचालन ब्राह्मण समाज कल्याण परिषद के सह मंत्री कृष्ण कुमार पाण्डेय ने किया ।
इस अवसर पर संरक्षक डॉ दुर्गा प्रसाद द्विवेदी, तारकेश्वर मिश्रा,विश्व देव उपाध्याय,सतीश कुमार मिश्रा, गिरीश चतुर्वेदी,विजय लक्ष्मी मिश्र,अशोक कुमार पाण्डेय,अखिलेश त्रिपाठी,महेंद्र पाण्डेय,रामाश्रय उपाध्याय, गोविन्द दुबे,कृष्ण कुमार उपाध्याय ,अशोक मिश्र,राकेश मणि त्रिपाठी,राजीव तिवारी,मनोज त्रिपाठी,पियूष त्रिपाठी,जगदम्बा प्रसाद पाण्डेय, निशीथ रंजन तिवारी,माहेश्वरी कांत पाण्डेय ,दया शंकर त्रिपाठी,आस्था चौबे, सूर्य नारायण पाठक, सुभाष पाण्डेय, डॉ सत्य प्रकाश मिश्रा,गिरिजा सुवन पाण्डेय ,अनिल चतुर्वेदी ,अजय तिवारी, विष्णु दत्त मिश्रा,अमित पाठक,अनिल कुमार पाण्डेय, सतीश कुमार पाण्डेय,कृष्ण मिश्र सहित सैकड़ों की संख्या में ब्राह्मण बन्धु उपस्थित थे ।