शिब्ली कॉलेज में दीक्षारंभ समारोह का भव्य आयोजन, शिक्षा के महत्व पर हुआ राष्ट्रीय विमर्श
उपेन्द्र कुमार पांडेय
आज़मगढ़:: महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय एवं शिब्ली नेशनल कॉलेज, आज़मगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को दीक्षारंभ समारोह एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय था— “भारतीय ज्ञान परंपरा में गुरु-शिष्य संबंध एवं शिक्षा का महत्व”।
इस अवसर पर शिक्षा जगत एवं समाज की कई प्रतिष्ठित विभूतियाँ उपस्थित रहीं। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर के कुलपति प्रो. जय प्रकाश सैनी, जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया के कुलपति प्रो. संजीव कुमार गुप्ता तथा चित्रकूट के पुलिस अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार सिंह ने सारस्वत अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। समारोह की अध्यक्षता महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय, आज़मगढ़ के कुलपति प्रो. संजीव कुमार ने की।
कार्यक्रम का शुभारंभ शिब्ली कॉलेज के प्राचार्य प्रो. अफसर अली द्वारा अतिथियों का पुष्प-गुच्छ से स्वागत कर किया गया। इसके उपरांत महाविद्यालय की परंपरा के अनुसार प्रो. मोहम्मद खालिद ने पवित्र कुरआन की तिलावत की। सभी अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। तत्पश्चात विश्वविद्यालय की छात्रा कुमारी माधुरी ने विश्वविद्यालय का कुलगीत प्रस्तुत कर समां बाँधा।
समारोह में कुलपति प्रो. संजीव कुमार द्वारा पुष्प और प्राचार्य प्रो. अफसर अली द्वारा अंगवस्त्रम एवं स्मृति-चिह्न भेंट कर सभी अतिथियों को सम्मानित किया गया। बीज वक्तव्य डॉ. प्रवेश कुमार सिंह ने प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा की महत्ता, गुरु-शिष्य संबंध की गरिमा तथा शिक्षा की भूमिका पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन प्रो. मोहम्मद खालिद एवं डॉ. पंकज सिंह ने संयुक्त रूप से किया।
संगोष्ठी में वक्ताओं ने भारतीय परंपरा में शिक्षा के सांस्कृतिक एवं नैतिक मूल्यों को रेखांकित किया। सभी अतिथियों ने विद्यार्थियों को कठिन परिश्रम, अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा को जीवन का आधार बनाने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर प्रतिभागी विद्यार्थियों को अपने जीवन में गुरुजनों के मार्गदर्शन को धारण करने और समाज में सकारात्मक योगदान देने का आह्वान भी किया गया।
विशेष रूप से, पारंपरिक शिल्पकला ब्लैक पॉटरी के संवाहक श्री बैजनाथ प्रजापति एवं उनकी पत्नी को भी पुष्प एवं स्मृति-चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। इससे स्थानीय कला एवं संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के महत्व को बल मिला।
समारोह के समापन अवसर पर प्राचार्य प्रो. अफसर अली ने सभी अतिथियों का कहा कि— “विद्यार्थियों के शैक्षिक और सांस्कृतिक विकास हेतु शिब्ली कॉलेज सदैव प्रयासरत है। हम ऐसे प्रेरक कार्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाने की दिशा में मार्गदर्शन देते रहेंगे।