परीक्षित को मिला श्रृंगी ॠषि का शाप (लवकुश जी महाराज )
रिपोर्टर विनोद कुमार सोनबरसा बजार एवं जगदीशपुर गोरखपुर।
गोरखपुर के एम्स क्षेत्र के अराजी बसडीला में रविवार को श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ कथा के दौरान उक्त बातें ग्राम अराजी बसडीला में हो रहे कथा में कही। पुज्य महाराज जी ने कहा जब कलयुग का राजा परीक्षित से मुलाकात हुई तब धर्म रुपी बैल और गाय रुपी पृथ्वी माता को कलयुग के ताङना से बचाया और कलयुग को रहने के लिए चार स्थान दे दिए जिसमे एक स्थान धन भी था ।जिससे कलयुग राजा परीक्षित के मुकुट में सवार हो गया जो।जिसके कारण परीक्षित जी की मति बिचलित हो गई ।जो जंगल में तपस्या कर रहें शमीक मुनि के गले में मरा हुआ तक्षक नाग लपेट दिए। शमीक मुनि का पुत्र श्रृंगी ऋषि ने सातवे दिन तक्षक नाग के काटने पर मृत्यु होने का श्राप दे दिया ।
जिसमें वैदिक पुजन का कार्य आचार्य संतोष मिश्र,पं धनंजय पांडेय अकाश मिश्र और मुख्य यजमान श्री मुख्य यजमान स्वर्गीय देवशरण सिंह जी की धर्म पत्नी मालती देवी है,साथ ही साथ पंकज सिंह,दीनदयाल सिंह,पूनम सिह,रणधीर सिंह सूरज सिंह,आकाश सिंह, जयधीर सिंह सहित इत्यादि श्रद्धालु उपस्थित रहे।