भारत का पहला पूरी तरह महिला-संचालित रेलवे स्टेशन
ब्यूरो
(लखनऊ, 24 अक्तूबर 2025)
लखनऊ सिटी रेलवे स्टेशन अब उत्तर भारत का पहला ऐसा स्टेशन बन गया है जिसे पूरी तरह महिला कर्मचारियों की टीम संचालित कर रही है। स्टेशन के रोज़मर्रा के संचालन से लेकर टिकेटिंग, आरक्षण, कंट्रोल-रूम, सिग्नलिंग और सुरक्षा तक—सब कुछ 34 महिला अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम देख रही है।
इस पहल को नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे ने लागू किया है और इसे रेलवे में महिला-सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रतीकात्मक कदम के तौर पर देखा जा रहा है। स्टेशन सुपरिन्टेंडेंट के पद पर वरुषा श्रीवास्तव जैसे अनुभवी अधिकारी की अगुवाई में यह टीम यात्री सुविधा और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है।
स्थानीय यात्रियों और अधिकारियों का कहना है कि महिला-कर्मचारी हर विभाग में दक्षता और अनुशासन के साथ कार्य कर रही हैं — चाहे वह टिकट काउंटर हो, प्लेटफार्म पर व्यवस्था हो या आरपीएफ की तैनाती। रेल प्रशासन का मानना है कि इस तरह की पहल यात्रियों के लिए अधिक सुरक्षित और सुव्यवस्थित अनुभव सुनिश्चित करेगी।
रेलवे इतिहास और संदर्भ — भारत में महिलाओं द्वारा पूरी तरह से संचालित होने वाला पहला स्टेशन मुंबई का मतुंगा था (2017), जबकि लखनऊ सिटी को अब उत्तर भारत के स्तर पर यह उपलब्धि मिली है। विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसे प्रयोग महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और कार्यस्थल को समावेशी बनाने की दिशा में सकारात्मक संदेश भेजते हैं।
क्या बदलने की उम्मीद है?
सुरक्षा-प्रबंधन में पैलटर्न-पैट्रोल में महिलाओं की सक्रिय उपस्थिति।
टिकटिंग व ग्राहक सेवा में संवेदनशीलता और सुलभता।
नई भर्ती व प्रशिक्षण में महिलाओं के लिए प्रेरक उदाहरण बनना।
रेलवे विभाग ने कहा है कि यह पहल अस्थायी जागरूकता कार्यक्रम नहीं, बल्कि कर्मचारियों की नियमित भूमिका का हिस्सा है और भविष्य में अन्य डिवीजनों में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। यात्रियों और स्थानीय समुदाय से मिली प्रतिक्रियाएँ ज्यादातर सकारात्मक बताई जा रही हैं।